धर्मनीति , कूटनीति और राजनीति में पारंगत कौटिल्य जिन्होंने अपने ज्ञान के बल पर चंद्रगुप्त मौर्य को राजा तक बना दिया , दुनिया उन्हें आचार्य चाणक्य के नाम से भी जानती है। आचार्य ने दुनिया भर को अपने ज्ञान से फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि आचार्य ने सिर्फ अर्थशास्त्र और राजनीति क्षेत्र से जुड़े विषयों पर अपने अनुभव दुनिया से साझा किए हैं बल्कि उन्होंने आम मानवीय व्यवहार, स्त्री-पुरुष गुण-दोष और भावी संकटों की पहचान करने के संबंध में तमाम ऐसी गूढ़ बातें बताईं है जो आज के समय में भी यथार्थ के काफी करीब जान पड़ती हैं।
ऐसे ही आचार्य ने बताया था कि किसी भी इनसान को सफल होने के लिए इन 6 प्रश्नों के उत्तर जरूर आना चाहिए। जानिए कौन है वो प्रश्न जिसके उत्तर से आप पा सकते है सफलता।
1.समय कैसा है?
आचार्य ने बताया हैं कि वही व्यक्ति समझदार और सफल है, जिसे इस प्रश्न का उत्तर हमेशा मालूम रहता है। समझदार व्यक्ति जानता है कि वर्तमान समय कैसा चल रहा है। अभी सुख के दिन हैं या दुख के दिन है। इसी के आधार पर वह कार्य करता हैं।
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2. हमारे मित्र कौन-कौन हैं?
हमें यह मालूम होना चाहिए कि हमारे सच्चे मित्र कौन-कौन हैं, और मित्रों के वेश में शत्रु कौन-कौन हैं। शत्रुओं को तो हम जानते हैं और उनसे बचते हुए ही आगे बढ़ते हैं, लेकिन मित्रों के वेश में छिपे हुए शत्रु की पहचाना बहुत जरूरी है। यदि मित्रों में छिपे शत्रु को नहीं पहचान पाएंगे तो कार्यों में असफलता ही मिलेगी।
3. यह देश कैसा है?
यह देश कैसा है यानी जहां हम काम करते हैं, वह स्थान, शहर और वहां का माहौल कैसा हैं। कार्यस्थल पर काम करने वाले लोग कैसे हैं। इन बातों का ध्यान रखते हुए काम करेंगे तो असफल होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाएंगी।
4. हमारी आय और व्यय की सही जानकारी
समझदार इंसान वही है तो अपनी आय और व्यय की पूरी जानकारी रखता है। व्यक्ति को अपनी आय देखकर ही व्यय करना चाहिए। जो लोग आय से अधिक खर्च करते हैं, वे परेशानियों में फंसते हैं।
5. मैं किसके अधीन हूं?
हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा प्रबंधक, कंपनी, संस्थान या मालिक हमसे क्या चाहता है। हम ठीक वैसे ही काम करें, जिससे संस्थान को लाभ मिलता है। यदि संस्थान को लाभ होगा तो कर्मचारी को भी लाभ मिलने की संभावनाएं बनती हैं।
6. मुझमें कितनी शक्ति है?
आचार्य की अंतिम बात सबसे जरूरी है- हमें यह मालूम होना चाहिए कि हम क्या-क्या कर सकते हैं। वही काम में अपना हाथ लगाना चाहिए, जिसे पूरा करने का सामर्थ्य हमारे पास है। यदि शक्ति से अधिक काम हम हाथ में ले लेंगे तो असफल होना तय है। ऐसी परिस्थिति में समाज में हमारी छबि खराब बन सकती है।
Source - Dailyhunt
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